बुधवार, 16 सितंबर 2009

हिन्दी ही हिन्दी

यह भी कोई बात हुई भला। आज तक तो आप कहते थे कि अंग्रेजी ही पढेंगे और और हिन्दी के पीछे हात धो कर पड़ गए।